बुधवार, 22 मई 2019

जब तक हमसे...

जब तक हमसे बात नही होती,
ख्याबों में ही सही ,
पर मुलाकात नही होती,
तब तक उन्हें भी,
सबकुछ बेगाना लगता है,
मेरे बिना उनको ,
बेवज़ह मुस्कुराना पड़ता है,
डर उन्हें भी लगता है,
हमारी बेवफाई का,
क्योंकि सारा जहान उनको,
गुजरा जमाना जो लगता है,
जो बीते ज़माने ने उन्हें,
बेवज़ह तड़पाया था,
जो बेवज़ह उस बेवफ़ा ने,
रोना सीखाया था,
उसी बात से वो,
आज भी डरती है,
मेरे प्यार को भी वो,
मजाक समझती है,
वरना मेरे दिल के दर्द,
वो भी समझती है,
मेरे रूठने पर मेरी डायरी,
बेवज़ह अपनों से लड़ती है,
पर मुझ पर एतबार कर लो,
एक बार मुझसे बात कर लो,
मैं कसमें तो नही,
पर विश्वास दिलाता हूँ,
तेरे सिवाय मैं किसी को,
नज़र भी नही आता हूँ,
तुम्हारे साथ मैं वो ,
काम न करूँगा,
बेवज़ह तुमको मैं,
बदनाम न करूँगा....

The Untold Story
One Sided Lover

वात्सल्य श्याम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मेरी बात