वो आज रो रही थी!
कौन??
अरे वही!जिसके बग़ैर,
आजकल मुझे जीना नही आता है,
वही जो मेरी हर बात को,
दिल से लगाती है,
अरे पागल और कौन वही,
जो खुद रोकर तुमको भी रुलाती है,
अरे!और कौन वही,
जो मेरे ख्याब में अक्सर आता है,
न जाने क्यूँ वो अक्सर,
ऐसा ही करती है,
पलभर में हँसती और ,
पलभर में रो देती है!!!!
मैं उसको बदलती दुनिया तो,
कभी नही कह सकता!!!
क्योंकि वो सिर्फ मेरी है
और हमेशा रहेगी ऐसा कहा है उसने!!!!!
नही समझ पाए तुम ???
आज तक जब से वो मिली,
हम दोनों ने कभी बात भी न किया,
खुद से खुद का साथ न दिया,
उसके आगे मैं बेबस बन जाता हूँ,
सिर्फ उसी का रहना चाहता हूँ
......
वात्सल्य श्याम
कौन??
अरे वही!जिसके बग़ैर,
आजकल मुझे जीना नही आता है,
वही जो मेरी हर बात को,
दिल से लगाती है,
अरे पागल और कौन वही,
जो खुद रोकर तुमको भी रुलाती है,
अरे!और कौन वही,
जो मेरे ख्याब में अक्सर आता है,
न जाने क्यूँ वो अक्सर,
ऐसा ही करती है,
पलभर में हँसती और ,
पलभर में रो देती है!!!!
मैं उसको बदलती दुनिया तो,
कभी नही कह सकता!!!
क्योंकि वो सिर्फ मेरी है
और हमेशा रहेगी ऐसा कहा है उसने!!!!!
नही समझ पाए तुम ???
आज तक जब से वो मिली,
हम दोनों ने कभी बात भी न किया,
खुद से खुद का साथ न दिया,
उसके आगे मैं बेबस बन जाता हूँ,
सिर्फ उसी का रहना चाहता हूँ
......
वात्सल्य श्याम
आपकी कविता एकदम आपके ही छवि पर गया है ना जिसका कोई मोल हो ना जिसका कोई दूसरा रुप हो
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भैया जी
हटाएंIts good bro... Kindly mention who are u refwring to?
जवाब देंहटाएंMyself my mind
हटाएं😁😁😁
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