बुधवार, 4 सितंबर 2019

आदर्शों का अभिवादन

ज्ञान दिया, अभिमान दिया,
अज्ञानी को पहचान दिलाया,
कभी कभी जब राह भटकता,
पकड़ कलम तब मुझे चलाया,
ऐसे गुरुओं को वन्दन है,
उनके चरणों मे अभिनंदन है,
सातों जनम मैं ऋणी रहूँगा,
उन्हें सदा ही ध्येय कहूँगा..

मेरे सारे अध्यापकों व आदर्शों को मेरा शत शत प्रणाम...

🙏🙏🙏
वात्सल्य श्याम
युवा कवि, लेखक.

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