मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

इजहार-ए-इश्क़

शायद मैं तुम्हे समय न दें पाऊँ,
या कहने हुए मैं रुक जाऊं,
पर तुम पर मैं एतबार करूँगा,
हर दफ़ा सिर्फ तुमसे प्यार करूँगा,
जब रूठोगी तो मनाऊंगा, चांद, तारे न सही,
पर सारा जहांन तेरे कदमों में लाऊँगा,
तुम्हारी हर गलती पर मुस्कराउंगा,
न समझने पर प्यार से समझाऊंगा,
पर तुम पर एतबार करूँगा,
हर दफ़ा मैं तुमसे प्यार करूँगा,
पूरी दुनिया की सैर तुम्हे कराऊंगा,
तुम्हारे लिए जहांन से लड़ जाऊंगा,
जो आसमान हमसे कभी मांगोगी,
मैं तुम्हे अम्बर की रानी बनाऊंगा,
जो एक बार हां कर दोगी तो,
सातों जनम तुम्हारे साथ बिताऊँगा........

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