गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

उसको पहली बार

उसको पहली बार था देखा,
अपने घर के दरवाजों से,
कितनी भोली चाल थी उसकी,
मतवाली मस्त हवाओं में,
धीरे धीरे वो मतवाली,
आने लगी ख़यालों में,
कुछ ऐसे जैसे बरखा,
आ जाते हैं ब्यालों में,
ऐसा पहली बार हुआ था,
सब कहते थे प्यार हुआ था...
सब कहते थे कह दूं तुमसे,
अपने दिल की बात,
तेरे आने से मिला है,
खुशियों का सौगात,
मुझे हँसा कर जाती हो,
ख्याबों में जब आ जाती हो,
सारी रात सुहाने सपने,
मुझको तुम दिखलाती हो,
कब तक ऐसा यूँ ही चलेगा,
कब दोनो का दिल मचलेगा,
कब उससे तुम बात करोगे ,
सपनो का सच कब बोलोगे।।।।।

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