सोमवार, 15 अप्रैल 2019

बेटी विदा हो...

बस कुछ नया लिखा है आप सबके प्यार व आशीर्वाद की चाहत में ........
कमेंट करके बताइएगा जरूर

बेटी विदा हो, हुई अब पराई,
सबकी देखो है, आँखें भर आईं,
पापा की प्यारी वो सबकी दुलारी,
मां की वो गुड़िया, रानी परी थी,
बेटी विदा हो, हुई अब पराई,
सबकी देखो है, आँखे भर आईं
दादी की आँखों का तारा बनी थी,
भैया से अपने खूब वो लड़ी थी,
हुई जो पराई, उसे न भुलाना,
अब भी तुम उसको दीदी बुलाना,
नया जो कलेवर उसे अब मिला है,
पितामह का देखो गला जो रुंधा है,
घर वो है सूना, जहाँ वो पली थी,
चाची की आंखों का सुरमा बनी थी,
बेटी विदा हो, हुई अब पराई,
सबकी है देखो, आँखे भर आईं।।।।।

Vatsaly Shyam

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