हंसता था तो लोग,
मुझे रूलाने आते थे,
गाता था तो लोग,
मुझे चुप कराते थे,
कुछ ऐसा था मुझमें,
कि लोग अक्सर मुझमें,
कुछ कमियां निकालते थे,
लोग कहते मुझसे अक्सर,
अपने मन की करो,
जब मन की करता,
तो लोग जाने क्यूं,
मुझसे नाराज़ हो जाते,
फिर भी मैं अक्सर,
हंसकर था टाल देता,
दुनिया के धक्के हम तो,
हंसकर था सम्भाल लेता,
पर अब मैं भी,
टूट सा गया हूं,
मेरी जिंदगी तुझसे मैं,
अब रूठ सा गया हूं।।।।।
Vatsalyshyam
परिचय नाम-सुधांशु तिवारी "वात्सल्य श्याम" मोबाइल नंबर- 8858986989 सोशल मीडिया- vatsalyshyam
गुरुवार, 31 मई 2018
हंसता था तो.......
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