सोमवार, 15 जनवरी 2018

भारत की जय।

देश की सत्ता पाने को,
हर ओछा भाषन कह बैठा,
आरक्षण का भीख मांगता,
हार्दिक भी नेता बन बैठा,
कही लड़ाते धरम करम पर,
कहीं जात दिखलाते हैं,
कुछ मजहब के नाम पर,
दंगा भी करवाते हैं,
राम लड़े जो रहमान से,
मजहब का सम्मान बताते हैं,
कुछ नेता हैं जो धरम को अपने,
देश से ऊंचा बताते हैं,
हिन्दू मुस्लिम सब लड़े हैं,
जातिवाद के नारों पर,
सत्ता की खातिर इनको,
नेता जी ने बांटे हैं,
सेना की न कोई जय कहता,
कुछ वंन्दे मातरम् न गाते हैं,
भारत तेरे टुकड़े कहने वाले,
खालिद भी नेता कहलाते हैं,
वो दंगों पर न कुछ बोले,
जो विकास - विकास चिल्लाते हैं,
भारत की जय बोलने से,
कुछ नेता भी कतराते हैं,
दलित-मराठा-जाट लड़े हैं,
आरक्षण की थाली पर,
पिक्चर भी तो लटक गई थी,
इक सेना की अभिमानी पर,
तुम अडिग रहो हर मंजिल पर,
ऐसा न कहने वाला है,
लगता है देश में न कोई,
भगत सिंह बनने वाला है,
जो लहू बह रहा बार्डर पर,
न उसकी कोई जय कहता,
जज साहब क्युं न नेता,
वीर शहीदों का नमन करता,
अभिनेता मरे तो दस दिन तक,
शोक-शोक चिल्लाते हैं,
भारत की रक्षा करने वालों का,
बलिदान भी न दिखाते हैं,
शर्म करो अब तुम भी तो,
भारत के पुत्र कहलाते हो,
कभी शहीदों का तुम भी,
बलिदान क्युं न गाते हो?,
चलो बदलते हैं देश को,
इक फूल ही तो चढ़ाते हैं,
वन्दे मातरम् के उदघोष से,
तिरंगा अपना फहराते हैं!!!
जय हिन्द जय भारत।।।
@vatsalyshyam

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