Upहम दोनों भी कितने बेगाने है,
सच कहने से इतराते हैं,
कभी तुम भी तो घबराती हो,
कभी हम भी तो डर जाते हैं,
तुम नज़र जो मुझसे मिलाती हो,
फिर धीरे से मुस्काती हो,
सच कहता हूं ये तेरा मुस्काना अच्छा लगता है,
उस पर भी यूं नजर घुमाना ,
मुझको घायल कर देता है,
हर सूरज के संग उठता हूं तो,
मन में खयाल ये लाता हूं,
कह दूंगा तुमसे प्यार है,
ऐसा पहली ही बार है,
तुम रोज सुबह जब आती हो,
मेरा नींद उडा़ ले जाती,
पर मैं ये न कह पाता ,
हर दिन बिन कहे ही घर जाता हूं।।।
परिचय नाम-सुधांशु तिवारी "वात्सल्य श्याम" मोबाइल नंबर- 8858986989 सोशल मीडिया- vatsalyshyam
सोमवार, 22 जनवरी 2018
कैसे कहूं 2
कैसे कहूं
कहना तो बहुत कुछ है,
पर कह नहीं पाता हूं,
तेरे बगैर अब कहीं रह नहीं पाता हूं,
यादें तेरी हरपल मुझे सताती है,
किससे कहूं कि तेरे बगैर अब रह नहीं पाता हूं,
लोग सोचते हैं कि मैं बीमार हुं,
इसीलिए हर रोज डाक्टर बुलाते हैं,
कैसे कहूं कि ये बीमारी लाइलाज है,
चाहकर भी ये बात किसी से कह नहीं पाता हूं,
दिन भर तो तू साथ होती है,
पर रातों को अक्सर उठकर बैठ जाता हूं,
लोग समझते हैं कि मुझमें आक्सिजन की कमी है,
पर मैं तो तेरे बगैर खुली हवा में भी सांस ले न पाता हूं,
कैसे कहूं कि तेरे बगैर जिन्दगी अधूरी है,
उस अधूरेपन में तूझे ही पाता हूं।
@Vatsalyshyam.
सोमवार, 15 जनवरी 2018
भारत की जय।
देश की सत्ता पाने को,
हर ओछा भाषन कह बैठा,
आरक्षण का भीख मांगता,
हार्दिक भी नेता बन बैठा,
कही लड़ाते धरम करम पर,
कहीं जात दिखलाते हैं,
कुछ मजहब के नाम पर,
दंगा भी करवाते हैं,
राम लड़े जो रहमान से,
मजहब का सम्मान बताते हैं,
कुछ नेता हैं जो धरम को अपने,
देश से ऊंचा बताते हैं,
हिन्दू मुस्लिम सब लड़े हैं,
जातिवाद के नारों पर,
सत्ता की खातिर इनको,
नेता जी ने बांटे हैं,
सेना की न कोई जय कहता,
कुछ वंन्दे मातरम् न गाते हैं,
भारत तेरे टुकड़े कहने वाले,
खालिद भी नेता कहलाते हैं,
वो दंगों पर न कुछ बोले,
जो विकास - विकास चिल्लाते हैं,
भारत की जय बोलने से,
कुछ नेता भी कतराते हैं,
दलित-मराठा-जाट लड़े हैं,
आरक्षण की थाली पर,
पिक्चर भी तो लटक गई थी,
इक सेना की अभिमानी पर,
तुम अडिग रहो हर मंजिल पर,
ऐसा न कहने वाला है,
लगता है देश में न कोई,
भगत सिंह बनने वाला है,
जो लहू बह रहा बार्डर पर,
न उसकी कोई जय कहता,
जज साहब क्युं न नेता,
वीर शहीदों का नमन करता,
अभिनेता मरे तो दस दिन तक,
शोक-शोक चिल्लाते हैं,
भारत की रक्षा करने वालों का,
बलिदान भी न दिखाते हैं,
शर्म करो अब तुम भी तो,
भारत के पुत्र कहलाते हो,
कभी शहीदों का तुम भी,
बलिदान क्युं न गाते हो?,
चलो बदलते हैं देश को,
इक फूल ही तो चढ़ाते हैं,
वन्दे मातरम् के उदघोष से,
तिरंगा अपना फहराते हैं!!!
जय हिन्द जय भारत।।।
@vatsalyshyam
गुरुवार, 4 जनवरी 2018
सिर्फ चाहूं तुझे...
सिर्फ चाहूं तुझे या,कह दूं कभी,
रोज आती जो हो तुम,मेरे दिल की गली,
सच कहूं तो तुम ही हो,मेरे होंठों की हसी,
जो कभी आती हो,सांझ के रांझ में,
मैं यूं ही भूल जाता हूं,खुद को कभी,
सिर्फ चाहूं तुझे या,कह दूं कभी।
लोग कहते है ऐसा,चाह ही राह है,
बिन तेरे जिन्दगी,न कोई चाह है,
तू जो कर दे इशारा,मैं समझ जाऊंगा,
तेरे लिए मेरी राधा,श्याम कहलाऊंगा,
तू अभी फूल है,जो खिली है अभी,
तू कह दे जो हां,भंवरा बन जाऊंगा,
सिर्फ चाहूं तुझे या,कह दूं कभी!!!!
@vatsalyshyam
सोमवार, 1 जनवरी 2018
शहीदों को नमन
जी माफी चाहते है यदि किसी को बुरा लगा हो तो लेकिन
जहां एक और देश ने
5सपूतो को खो दिया
किसी के घर का चिराग
किसी के मांग का सिंदूर मिट गया
कितने बच्चे अनाथ हुए और
मेरे देश के लोग
ऐसे नववर्ष की मौज मनाये
{जो अपना है भी नही}
सरकार के नही
वो हिंदुस्तान के #प्रहरी हैं
#शहीदों_को_नमन
@vatsalyshyam
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जागकर के वो मेरी प्रीतम, अपने दिल को मुझको सुना दो, हाल दिल का उधर भी यही है, इक बार फिर से किस्सा बता दो।। रात भर तुमसे बातें वो करना...
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वो आज रो रही थी! कौन?? अरे वही!जिसके बग़ैर, आजकल मुझे जीना नही आता है, वही जो मेरी हर बात को, दिल से लगाती है, अरे पागल और कौन वही, ज...
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ये रिश्ते ये नाते, चलो सब कुछ निभाते है, उससे पहले हम आपके, और आप हमारे, बताओ क्या कहलाते है??।1। ये कसमे ,ये वादें ये दूरियाँ ये मज...