ओ खुदा तू बता,
क्या इतना मैं ग़लत था,
है जुदा अब रास्ता,
क्या चाहा मैं यही था...
रो रहा मैं सुनो,
अब तो तुम खुश हो,
मर रहा मैं सुनो,
जीना भी तो तुम हो..
जो कहा न रहा ,
जिंदगी का क्या पता,
सुन जरा साहिबा,
अब तो तुम खुश हो....
जा रहा मैं सुनो,
यम के उस निवास में,
खुश रहो तुम सदा,
दुनिया के वास में ....
क्या इतना मैं ग़लत था,
है जुदा अब रास्ता,
क्या चाहा मैं यही था...
रो रहा मैं सुनो,
अब तो तुम खुश हो,
मर रहा मैं सुनो,
जीना भी तो तुम हो..
जो कहा न रहा ,
जिंदगी का क्या पता,
सुन जरा साहिबा,
अब तो तुम खुश हो....
जा रहा मैं सुनो,
यम के उस निवास में,
खुश रहो तुम सदा,
दुनिया के वास में ....
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