शनिवार, 7 अप्रैल 2018

इक लड़की थी।

इक लड़की थी, जो आती थी,
मुझको बहुत वो भाती थी,
हमको था पता जो चौपाटी थी,
हर रोज वहां वो जाती थी,
हर रोज बदलती किरणों संग,
वो रंग बदलकर आती थी,
कभी नीली थी, कभी पीली थी,
वो कुहु जैसा चहकाती थी,
वो हसती थी, मुस्काती थी,
मेरे मन को जो भाती थी,
मुझको न खबर जो आती थी,
किसी और की वो साथी थी,
जो आती थी, वो आती है,
मुझको अब भी वो भाती है.....

To be continues.
#vatsalyshyam

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