जागकर के वो मेरी प्रीतम,
अपने दिल को मुझको सुना दो,
हाल दिल का उधर भी यही है,
इक बार फिर से किस्सा बता दो।।
रात भर तुमसे बातें वो करना,
मुझको फ़िर से वो राते दिला दो
मैं तुम्हारा ही हूँ ऐसा कहकर,
मुझ पर अपने हक़ को जता दो।।
माजरत जो हुई है मेरे दिल से,
इस हिमाक़त दिल को सज़ा दो,
या तो कह दो मोहब्बत है तुमसे
या यूं ही दिल को ऐसे रुला दो।।
पर कसम से वो मेरी प्रीतम
अपने दिल का अब तो पता दो,
मैं तुम्हारी ही हूँ ऐसा कहकर,
मेरे घर को फिर से बसा दो।।
अपने दिल को मुझको सुना दो,
हाल दिल का उधर भी यही है,
इक बार फिर से किस्सा बता दो।।
रात भर तुमसे बातें वो करना,
मुझको फ़िर से वो राते दिला दो
मैं तुम्हारा ही हूँ ऐसा कहकर,
मुझ पर अपने हक़ को जता दो।।
माजरत जो हुई है मेरे दिल से,
इस हिमाक़त दिल को सज़ा दो,
या तो कह दो मोहब्बत है तुमसे
या यूं ही दिल को ऐसे रुला दो।।
पर कसम से वो मेरी प्रीतम
अपने दिल का अब तो पता दो,
मैं तुम्हारी ही हूँ ऐसा कहकर,
मेरे घर को फिर से बसा दो।।
वाह भाई, ❣
जवाब देंहटाएंNice bhai 👌👌 👌👌 👌👌 👌
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