बढ़ गई दूरियाँ दूर जाने लगे,
वो किसी संग जो नज्र आने लगे,
उनके बिन अब हम गुनगुनाने लगे,
तुम बिन माना संगम अधूरा रहे,
फिर भी ख़ुद से तुमको मिटाने लगे,
दूरियाँ बढ़ गई दूर जाने लगे।1।
सुन लो तुमने किया जो खुदगर्ज था,
मैं कहा तो नही जो मेरा दर्द था,
उस दर्द ए जिगर को मिटाने लगे,
बढ़ गई दूरियाँ दूर जाने लगे।2।
कुछ तुम्हारी वजह जान ये जान लो,
कुछ थी मेरी सजा जान अब मान लो,
हम जुदा जो हुए तो वजह ये बनी,
मेरी बातों में तुम हक़ जताने लगे,
अपने दिल से अब हम भुलाने लगे,
दूरियाँ बढ़ गई दूर जाने लगे।3।
अब न चैनों अमन मेरे दिल को मिले,
तुम बिना श्याम बूझो कैसे जिए,
सांस तुमको बनाया उसी सांस को,
सुन लो अब ये सितमगर दबाने लगे,
अपने दिल से अब हम भुलाने लगे,
दूरियाँ बढ़ गई दूर जाने लगे।4।
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