रविवार, 31 दिसंबर 2017

शायरी3

तेरा दरस पाने को जी चाहता है
खुदी को मिटाने को जी चाहता है
इस दिल में उठा जो #मोहब्बत का दरिया
मेरा डूबजाने को जी चाहता है
यह दुनिया है सारी नज़र का ही धोखा
तेरे पास आने को जी चाहता है
पिला दे मुझे मस्ती का प्याला
तेरी मस्ती में आने को जी चाहता है
@vatslyshyam

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मेरी बात