यूपी से बोल रहा हूँ मै,अन्तरमन खोल रहा हूँ मै,
टीपू नेता से न कह पाया ,पर तुमसे बोल रहा हुँमै,
तुमने यूपी मे राज किया,इटावा सैफई का विकास किया,
केवल अपनो को पास रखा,जनता पर ना विश्वास किया,.
दंगो पर कुछ न बोले तुम,अपने मन को न खोले तुम,
.जब जनता सारी जान चुकी,.कथनी करनी पहचान चुकी,
तब नाटक क्यों तुम करते हो,अपने पापा से लड.ते हो,.
अब अपनी गलती को मान लो सब बातों को तुम जान लो,.
हम नेकी वाले सच्चे दिल हैंतुमको माफी दे देगें हम,
दया भाव को दिखलाकर,सौ पचास सीट दे देगें हम,
ये जनता है सब भूला है देती,झूठो को शासन देती है,
इस बार से लेकिन याद. रखो,जब आओ तो सम्मान रखो,
इस मिट्टी की पहचान रखो,हर मजहब का सम्मान रखो,
हर वर्ग जाति पर विश्वास रखो..
रचनाकार-सुधांशु तिवारी
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