रविवार, 19 फ़रवरी 2017

Naya vars


Sudhanshu
नवकिरणें हमको बता रही, कुछ ख्वाब हमे वो दिखा रही, पूरब से मृदु को बजा रही , शंखनाद को गूजा रही, कुछ किरणें हमको बता रही , मन से निशा को भगा रही, वो कुंज ज्योति के जगा रही, दिल मे जोश को जगा रही, नवनिर्मित भारत दिखा रही, संकल्प हमें ये दिला रही, वो मंद रहे किंचित स्वर से, रसधारा अमृत गिरा रही , भारत मां के जगजीवन से, आशावादी को दिखा रही, देख रही दुनिया हमको, ऐसा वो कुछ बता रही, फिर स्वर्ण राग वो दिखा रही, जगजीवन को वो जगा रही, नवकिरणें हमको बता रही, कुछ ख्वाब हमें वो दिखा रही,! सुधांशु तिवाऱी

Up Se Bol Raha Hu Mai

यूपी से बोल रहा हूँ मै,अन्तरमन खोल रहा हूँ मै,
टीपू नेता से न कह पाया ,पर तुमसे बोल रहा हुँमै,
तुमने यूपी मे राज किया,इटावा सैफई का विकास किया,
केवल अपनो को पास रखा,जनता पर ना विश्वास किया,.
दंगो पर कुछ न बोले तुम,अपने मन को न खोले तुम,
.जब जनता सारी जान चुकी,.कथनी करनी पहचान चुकी,
तब नाटक क्यों तुम करते हो,अपने पापा से लड.ते हो,.
अब अपनी गलती को मान लो सब बातों को तुम जान लो,.
हम नेकी वाले सच्चे दिल हैंतुमको माफी दे देगें हम, 
दया भाव को दिखलाकर,सौ पचास सीट दे देगें हम,
ये जनता है सब भूला है देती,झूठो को शासन देती है,
इस बार से लेकिन याद. रखो,जब आओ तो सम्मान रखो,
इस मिट्टी की पहचान रखो,हर मजहब का सम्मान रखो,

हर वर्ग जाति पर विश्वास रखो..
रचनाकार-सुधांशु तिवारी

मेरी बात