शनिवार, 11 जनवरी 2020

कहो प्रिये!!!

कहो प्रिये!!!
क्या याद न आती??
तुमको अब तो मेरी,
कहो तुम्हे !!!
क्या अब न होती??
उन शामों को देरी,
कहो तुम्हे!!
क्या फिकर न होती,
तुमको अब तो मेरी।।
तुमको सूरज चाँद कहा था,
पता तुम्हे तो होगा,
तुमको हमने तारा कहा था,
याद तुम्हे वो होगा,
वो तारा अब टूट गया है,
उसका छाया छूट गया है,
कैसे ख़ुद ये समझाए,
कैसे दिल को ये बहलाये,
तुमने तो है ढूढ़ लिया वर,
किसको ये अब राधा बुलाए,
किसका कान्हा अब कहलाए,
तुम भी तो न जीना सीखा,
मुझको इतना तुम बतला दो
कैसे जिए बेचारा???
कहो तुम्हे !!!
क्या वो खुश रखता,
नैनों से न आसूँ बहता
कहो कभी!!
क्यों खबर न लेती
तुम तो अब तो मेरी,
कहो तुम्हे !!
क्या फिकर न होती,
तुमको अब तो मेरी।।।।।।

गुरुवार, 2 जनवरी 2020

किस्सा

जागकर के वो मेरी प्रीतम,
अपने दिल को मुझको सुना दो,
हाल दिल का उधर भी यही है,
इक बार फिर से किस्सा बता दो।।

रात भर तुमसे बातें वो करना,
मुझको फ़िर से वो राते दिला दो
मैं तुम्हारा ही हूँ ऐसा कहकर,
मुझ पर अपने हक़ को जता दो।।

माजरत जो हुई है मेरे दिल से,
इस हिमाक़त दिल को सज़ा दो,
या तो कह दो मोहब्बत है तुमसे
या यूं ही दिल को ऐसे रुला दो।।

पर कसम से वो मेरी प्रीतम
अपने दिल का अब तो पता दो,
मैं तुम्हारी ही हूँ ऐसा कहकर,
मेरे घर को फिर से बसा दो।।

मेरी बात